हिंदू और सिख देवी-देवताओं और पूजा स्थलों के नाम पर कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए वोट मांगने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को छह साल के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार (29 अप्रैल) को सुनवाई करेगा।
जस्टिस सचिन दत्ता, जिन्हें आज मामले की सुनवाई करनी थी, छुट्टी पर हैं।
जोंधले ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत प्रधानमंत्री को छह साल के लिए चुनाव से अयोग्य घोषित करने के लिए भारत के चुनाव आयोग (ECI) को निर्देश देने की मांग की। उन्हें “धार्मिक देवताओं और पूजा स्थलों के नाम पर” वोट मांगने से रोकने के लिए एक और निर्देश मांगा गया।
जोंधले ने तर्क दिया कि प्रधानमंत्री ने न केवल हिंदू और सिख देवताओं और उनके पूजा स्थलों के नाम पर वोट मांगे, बल्कि “मुसलमानों का पक्ष लेने वाले विरोधी राजनीतिक दलों” के खिलाफ भी टिप्पणियां कीं।
जोंधले की ECI से की गई शिकायत में कहा गया कि पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने राम मंदिर का निर्माण किया, करतारपुर साहिब कॉरिडोर विकसित किया और अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब की प्रतियां वापस लाए।
“याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि प्रतिवादी नंबर 2 (प्रधानमंत्री मोदी) भारत सरकार के विमानों और हेलीकॉप्टरों में यात्रा करते समय पूरे भारत में एक ही तरह का अपमानजनक भाषण देने की फिराक में हैं।”
जोंधले ने कहा कि पीएम के भाषणों में जाति और धर्म के आधार पर मतदाताओं के बीच नफरत पैदा करने की क्षमता है। तदनुसार, वह आदर्श आचार संहिता के अनुसार प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं।
केस टाइटल: आनंद एस जोंधले बनाम श्री राजीव कुमार भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य।