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प्रताप सिंह बाजवा ने राज्य में सक्रिय बमों पर भ्रामक बयान को लेकर दर्ज FIR रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया

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पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक (Congress MLA) प्रताप सिंह बाजवा ने उनके खिलाफ दर्ज FIR रद्द कराने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की। FIR में उन पर देश की संप्रभुता और एकता को खतरे में डालने वाली भ्रामक जानकारी देने का आरोप है। बाजवा पर आरोप है कि उन्होंने एक टीवी शो में कहा था कि “50 बम पंजाब पहुंच चुके हैं। उनके खिलाफ BNS की धारा 353(2) और 197(1)(d) के तहत मामला दर्ज किया गया। यह धाराएं ऐसे कथनों या आरोपों पर लागू होती हैं जो राष्ट्रीय एकता के प्रतिकूल माने जाते हैं।
धारा 353(2) के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो किसी भी माध्यम से ऐसा बयान, रिपोर्ट या अफवाह प्रसारित करता है, जिसका उद्देश्य विभिन्न धर्म, जाति, भाषा, क्षेत्रीय समूहों या समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्यता को उत्पन्न करना या बढ़ावा देना हो उसे तीन साल तक की सजा, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। याचिका में कहा गया कि 13 अप्रैल को प्रसारित एक टीवी शो में बाजवा से पंजाब में हाल के कानून व्यवस्था की खराब स्थिति पर सवाल किया गया, जहां पिछले छह महीनों में कई जगहों पर बम विस्फोट हुए हैं, जिनमें एक भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व कैबिनेट मंत्री के जालंधर स्थित घर पर भी हुआ था।
जवाब में बाजवा ने इन घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार खुफिया तंत्र पर पूरी तरह से सोई हुई प्रतीत होती है, क्योंकि वे उन ग्रेनेडों का पता नहीं लगा सके जो कथित तौर पर भारत में तस्करी कर लाए गए। याचिका में आगे कहा गया कि शो की पूरी रिकॉर्डिंग केवल सरकार को सतर्क करने और किसी भी व्यक्ति को इन असामाजिक गतिविधियों से होने वाले संभावित नुकसान से बचाने के लिए चेतावनी देने का काम करती है। साथ ही यह भी कहा गया कि मुख्यमंत्री को जागना चाहिए और उन खुफिया एजेंसियों को सक्रिय करना चाहिए जो अब तक बचे हुए बमों का पता नहीं लगा सकीं, ताकि राज्य में डर का माहौल न फैले और ऐसी घटनाएं फिर न हों।
याचिका में FIR रद्द करने की मांग की गई, जो धारा 353(2), 197(1)(d) BNS के तहत दर्ज की गई> साथ ही इससे जुड़ी सभी अग्रिम कार्यवाहियों को रोकने की भी मांग की गई। इसके अतिरिक्त, याचिका में यह भी अनुरोध किया गया कि BNSS की धारा 35(3) के तहत नोटिस मिलने के बावजूद बाजवा की पेशी के दौरान किसी भी प्रकार की जबरदस्ती या कठोर कार्रवाई न की जाए। इस मामले की सुनवाई कल यानी बुधवार को होने की उम्मीद है। यह याचिका एडवोकेट हिम्मत देओल द्वारा दाखिल की गई।

केस टाइटल: प्रताप सिंह बाजवा बनाम पंजाब राज्य

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