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सुप्रीम कोर्ट अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत, 2 जून को करना होगा सरेंडर

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सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई (शुक्रवार) को कहा कि वह दिल्ली शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी। साथ ही कोर्ट ने कहा कि उन्हें 1 जून तक जमानत दी।

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने उक्त आदेश पारित किया।

खंडपीठ ने कहा कि शराब नीति मामला अगस्त 2022 में दर्ज किया गया और केजरीवाल को लगभग डेढ़ साल बाद मार्च 2024 में गिरफ्तार किया गया। केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में हैं।

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3 मई को सुनवाई के दौरान बेंच ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल की अंतरिम जमानत के सवाल पर विचार करने की इच्छा जताई थी। बाद की तारीखों में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू द्वारा अंतरिम जमानत देने का कड़ा विरोध किया गया था। उन्होंने तर्क दिया कि ED के पास केजरीवाल के खिलाफ “सबूत” है और चुनाव प्रचार अंतरिम जमानत देने पर विचार करने का मानदंड नहीं होना चाहिए।
हालांकि, खंडपीठ ने कहा था कि वह निर्वाचित मुख्यमंत्री का मामला देख रही है, न कि कोई आदतन अपराधी और आम चुनाव 5 साल में केवल एक बार होते हैं। 7 मई को सुनवाई के दौरान, पीठ ने मौखिक रूप से सुझाव दिया कि यदि वास्तव में अंतरिम रिहाई का निर्देश दिया गया तो केजरीवाल को आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, क्योंकि इसका व्यापक प्रभाव होगा।

ED ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का विरोध किया था। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रस्तुत किया कि खालिस्तानी गतिविधियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिए गए अमृत पाल सिंह ने भी चुनाव लड़ने के लिए जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया। एसजी ने कहा कि चुनाव के आधार पर केजरीवाल को जमानत देने से व्यापक प्रभाव पड़ेगा।

जस्टिस खन्ना ने कहा,

“वह (अमृतपाल सिंह मामला) कुछ अलग है।”

एसजी ने कहा कि जब कोई व्यक्ति खुद उम्मीदवार नहीं हो तो उसे प्रचार के लिए रिहा करने की कोई मिसाल नहीं है।

जस्टिस खन्ना ने कहा,

“आइए हम इस तरह की सीधी बात न करें। हम उन्हें 1 जून, 2024 तक अंतरिम राहत देने का आदेश पारित कर रहे हैं। हम शाम तक आदेश अपलोड करेंगे।”

जस्टिस खन्ना ने कहा कि ED की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर अंतिम बहस अगले सप्ताह पूरी होगी।

जस्टिस खन्ना ने कहा,

“अगस्त 2022, ED ने ईसीआईआर दर्ज की। उन्हें मार्च 2024 में गिरफ्तार किया गया। डेढ़ साल तक वह वहां थे। गिरफ्तारी बाद या पहले भी हो सकती थी। फिर, 21 दिन इधर या उधर से कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।”

गौरतलब है कि इससे पहले खंडपीठ ने ED से केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय के बारे में सवाल किया था, जो लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के तुरंत बाद की गई। सॉलिसिटर जनरल ने आग्रह किया कि खंडपीठ को जमानत के लिए शर्तें लगानी चाहिए जैसे कि उन्हें प्रेस से बात नहीं करनी चाहिए और आखिरी तारीख पर आत्मसमर्पण करना चाहिए। केजरीवाल की ओर से पेश सीनियर वकील डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने अनुरोध किया कि उन्हें परिणाम घोषित होने की तारीख 4 जून तक जमानत दी जाए। हालांकि, खंडपीठ ने कहा कि उन्हें 2 जून को आत्मसमर्पण करना होगा।

केस टाइटल: अरविंद केजरीवाल बनाम प्रवर्तन निदेशालय, एसएलपी (सीआरएल) 5154/2024

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