लुधियाना ( जसबीर सिंह)
विजिलेंस की टीम ने आरटीओ ऑफिस में एजेंटो के खिलाफ पंजाब भर में मुहिम छेड़ी हुई है। 7 अप्रैल को 5 एजेंटों पर कार्रवाई के बाद अब धीरे धीरे सभी पर्ते खुलती जा रही है और जैसे जैसे एजेंटो व सरकारी मुलाजिमों के नाम सामने आ रहे है विजिलेंस की टीम उन पर कार्रवाई करती जा रही है। जिसके लिए बयान लेने के लिए विजिलेंस द्वारा दफ्तर में बुलाया जा रहा है। मंगलवार को दो प्राइवेट मुलाजिम का नाम सामने आया था जिन्हें गहन पूछताछ के बाद कार्रवाई अमल में लाई गई। बुधवार को भी प्राइवेट मुलाजिमों व सरकार मुलाजिमों को विजिलेंस ऑफिस में बुलाकर पूछताछ की गई। जिसमें एक सरकारी मुलाजिम जोकि चंडीगढ़ रोड सेक्टर 32 स्थित ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक का इंचार्ज बनाया गया था उसे भी हिरासत में ले लिया गया है। अब विजिलेंस द्वारा आगे की कार्रवाई जारी करते हुए अन्य से भी पूछताछ की जाएगी। बतां दे कि जिन जिन मुलाजिमों को विजिलेंस द्वारा पकड़ा गया है सभी के मोबाइल फोन चेक करवाए जा रहे है वहीं कहां कहां से गूगल-पे व अन्य तरीके से ट्रांजेक्शन के जरिए पैसे मंगवाए गए है उस पर भी निगरानी रखते हुए कार्रवाई की जा रही है।
कामकाज रहा ठपः
बतां दे कि चंडीगढ़ रोड और कॉलेज रोड स्थित ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर आज करीब 12 बजे के बाद कामकाज ठप रहा। हालांकि इससे पहले ट्रैक पर काम किया जा रहा था और आवेदकों की भारी भीड़ भी लगी हुई थी। परंतु टेस्ट संबंधी कालेज रोड पर रस्सा लगाकर उसे बंद रखा हुआ था। यानि पक्के लाइसेंस संबंधी कोई काम नहीं किया गया। इस दौरान सिर्फ डुप्लीकेट, लर्निंग, एड्रेस चेज जैसे आदि काम किए गए। अचानक सर्वर डाउन होने के कारण आवेदकों को वापिस भेज दिया गया।
आरटीओ ऑफिस में पसरा सन्नाटा
विजिलेंस की कार्रवाई के बाद आरटीओ ऑफिस से एजेंटों का सफाया ही हो गया है। आरटीओ आफिस से लेकर नीचे बेसमेंट और चालान का भुगतान करवाने वाले हाल में भी एजेंट आज गायब नजर आए। दिन भर सभी एजेंट वाट्सअप के जरिए ही एक दूसरे से बात करते रहे। यहीं कुछ एजेंटों के नाम भी सामने आए कि उन्हें विजिलेंस द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया है। परंतु शाम तक ऐसा कुछ भी नहीं निकला।
कौन है सरकारी मुलाजिम
विजिलेंस द्वारा जिस सरकारी मुलाजिम को हिरासत में लिया है उसे सेक्टर-32 ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक का इंचार्ज बनाया गया था। लुधियाना में 2024 में तैनात किया गया था। जोकि नवा शहर का रहने वाला है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उक्त सरकारी मुलाजिम को काम के बारे में अधिक जानकारी न होने के कारण इसकी आईडी प्राइवेट मुलाजिम चलाते थे। यहां तक ही वह ट्रैक पर भी बहुत कम जाता था। यह बात भी सामने आई है कि पहले फेस में जो 5 एजेंट पकड़े गए है उनमें से एक एजेंट ने सरकारी मुलाजिम को पैसे देने संबंधी बात कही है। जिसके बाद शक के आधार पर विजिलेंस ने सरकारी मुलाजिम को गिरफ्त में लिया है।
वहीं विजिलेंस के उच्च अधिकारियों के मुताबिक तीन और लोगो को हिरासत में लिया गया है जिसमें से एक सरकार मुलाजिम भी है। कार्रवाई अभी जारी है।