गुरदासपुर
सुशील कुमार बरनाला-:
ओवरलोडिंग को लेकर सरकार की ओर से आए दिन कई तरह के सख्त दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं. ग्रामीण इलाकों और नेशनल हाईवे पर पुलिस की नाक के नीचे ओवरलोडिंग वाहन दौड़ रहे हैं. इसके चलते इन वाहनों के चालक अपनी जान के साथ-साथ दूसरों की जान भी खतरे में डाल रहे हैं। गौरतलब है कि ओवरलोड वाहनों पर अब भी प्रतिबंध है, लेकिन वाहन चालक इसकी परवाह किए बिना लगातार ओवरलोड वाहन सड़क पर दौड़ा रहे हैं। दूसरी ओर, संबंधित अधिकारी इन वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं, जिससे वाहन चालकों का हौसला बढ़ रहा है. इस बारे में बात करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता राजेश कुमार कूड़ा ने पत्रकारों को बताया कि सड़क दुर्घटनाएं कई कारणों से हो सकती हैं, लेकिन अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं ओवरलोड वाहनों के कारण होती हैं. कई बार देखा गया है कि जब कोई ओवरलोडेड वाहन तेज गति से खतरनाक मोड़ से मुड़ता है तो वह अपना संतुलन खो देता है और दुर्घटना होने की संभावना अधिक हो जाती है। इसलिए ओवरलोडिंग वाहनों के चालकों को भी देश के कानून के मुताबिक ही लोडिंग करनी चाहिए ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को मोटर वाहन अधिनियम 2015 लागू करके ओवरलोडिंग वाहनों पर प्रतिबंध लगाकर इस प्रकार के मोटर वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
चित्र परिचय। परमानंद रेलवे लाइन से ओवरलोडिंग वाहन पार करते हुए।