पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह राज्य का कर्तव्य है कि वह परिवहन के व्यवसाय में लगे यातायात के लिए वैकल्पिक मार्ग प्रदान करे।
याचिकाकर्ता के वकील ने बड़ी संख्या में तस्वीरें पेश कीं जिनमें दिन और रात दोनों समय रेत ले जाने वाले भारी वाहनों की संख्या दिखाई गई। न्यायालय ने कहा कि खनन से भारी रॉयल्टी अर्जित करने का राज्य का अधिकार तीनों गांवों के निवासियों की कीमत पर नहीं हो सकता।
कोर्ट ने कहा,
“स्कूल बसों और पैदल यात्रियों सहित अन्य वाहनों की दुर्दशा सड़क पर फंसी हुई है। इसके अलावा कई बार भारी वाहन अपने साथ ले जाने वाली सामग्री के कारण आसपास के खेतों में पलट गए हैं।”
राज्य अधिकारियों द्वारा दायर हलफनामे पर गौर करते हुए कोर्ट ने असंतोष व्यक्त किया और 01.01.2024 से 31.03.2024 तक संबंधित साइट से हटाए गए वाहनों का विवरण देते हुए हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।
केस टाइटल- चरणजीत सिंह बनाम भारत संघ और अन्य